शनिवार, 28 जनवरी 2012

आदमी के हक में...संकलन से

सुबह में लहराती सुबहें

कोई मेनका या
उर्वशी ही होगी
प्रातः की शीतल मधुर समीर में
घर से निकलने पर
चेहरे पर बांधे हुए दुपट्टा
बचाने के लिए सुन्दरता ।,

कहीं झुलसा न दें
शीतल मधुर बयार
इन मेनका उर्वशियों के
मासूम चेहरे ।

हेमा,माधुरी,श्रीदेवी
रेखा हो या ऐश्वर्या
नहीं बांधती होगी दुपट्टा
झुलसती धूप में या
गर्म हवाओं के थपेड़ों में
अपने लावण्यमयी चेहरे पर ।

कोई खतरा नहीं सुन्दरता को
चाहे हो कैसा भी मौसम ।
रानी रूपमती हो या
हो जीनत अमान
दुपटट्े के पीछे का चेहरा
सामान्य का सामान्य ही रहेगा ।

मैं सुन्दर हूँ, का भ्रम पाले
यहां से वहां
गाडि़यों पर हवा में
बेपरवाह
लहराती सुबहें
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आग से खेलती आग

कितनी ही आग देखी है
धधकते भभकते हुए
आग के भीतर आग
आग के बाहर आग
आग के दरमियान आग ।
कहते हैं
लड़कियाँ आग होती है
धीरे-धीरे जलना शुरू करती है
लेकिन जब वह जलने लगती है
आग बन जाती है
शायद इसीलिए
वह आग से खेलती है,और
आग उससे खेलती है
चाहे उसे
लड़की कह लो
चाहे आग ।
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16-प्यार करती हुई लड़कियां

प्यार करती हुई लड़कियां
प्यार करती
नज़र नहीं आती
वह प्यार करती भी है या नहीं
पता नहीं चलता
उसका प्यार करना या न करना
एक सा लगता है
कभी लगता है कि वह
बिल्कुल ही प्यार नहीं करती
कभी यह लगता है कि
वह साक्षात प्यार की मूरत है
उसके प्यार करने,या
न करने के बीच
झूलना पड़ता है

हम यह समझते हैं कि
वह प्यार करती भी है
और नहीं भी करती है
प्यार की परिभाषा
हमें नहीं
उसे मालूम है ।
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